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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नोट - यहाँ प्रकाशित साधनाओं, स्तोत्रात्मक उपासनाओं को नियमित रूप से करने से यदि किसी सज्जन को कोई विशेष लाभ हुआ हो तो कृपया हमें सूचित करने का कष्ट करें।

⭐विशेष⭐


23 अप्रैल - मंगलवार- श्रीहनुमान जयन्ती
10 मई - श्री परशुराम अवतार जयन्ती
10 मई - अक्षय तृतीया,
⭐10 मई -श्री मातंगी महाविद्या जयन्ती
12 मई - श्री रामानुज जयन्ती , श्री सूरदास जयन्ती, श्री आदि शंकराचार्य जयन्ती
15 मई - श्री बगलामुखी महाविद्या जयन्ती
16 मई - भगवती सीता जी की जयन्ती | श्री जानकी नवमी | श्री सीता नवमी
21 मई-श्री नृसिंह अवतार जयन्ती, श्री नृसिंहचतुर्दशी व्रत,
श्री छिन्नमस्ता महाविद्या जयन्ती, श्री शरभ अवतार जयंती। भगवत्प्रेरणा से यह blog 2013 में इसी दिन वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को बना था।
23 मई - श्री कूर्म अवतार जयन्ती
24 मई -देवर्षि नारद जी की जयन्ती

आज - कालयुक्त नामक विक्रमी संवत्सर(२०८१), सूर्य उत्तरायण, वसन्त ऋतु, चैत्र मास, शुक्ल पक्ष।
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श्री त्रिपुरसुन्दरी षोडशी महाविद्या की स्तोत्रात्मक उपासना [श्रीविद्या खड्गमाला]

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प्र त्येक धर्मशील जिज्ञासु के मन में ये प्रश्न उठते ही हैं कि जीव का ब्रह्म से मिलन कैसे हो? जीव की ब्रह्म के साथ एक-रूपता कैसे हो? इस हेतु हमारे आगम ग्रंथों में अनेक विद्याएँ उपलब्ध हैं। शक्ति-उपासना में इसी सन्दर्भ में दश-महाविद्याएँ भी आती हैं। उनमें महाविद्या भगवती षोडशी अर्थात श्रीविद्या का तीसरा महत्त्व-पूर्ण स्थान है, श्रीविद्या को सामान्य रूप से,  श्री प्राप्त करने की विद्या कह सकते हैं और आध्यात्मिक रूप से इसे मोक्ष प्राप्त करने की अत्यन्त प्राचीन परम्परा कहा जा सकता है। शब्दकोशों के अनुसार श्री के कई अर्थ हैं- लक्ष्मी, सरस्वती, ब्रह्मा, विष्णु, कुबेर, त्रिवर्ग(धर्म-अर्थ व काम), सम्पत्ति, ऐश्वर्य, कान्ति, बुद्धि, सिद्धि, कीर्ति, श्रेष्ठता आदि। इससे भी श्रीविद्या की महत्ता ज्ञात हो जाती है। राजराजेश्वरी भगवती ललिता की आराधना को सम्पूर्ण भारत में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जगद्गुरु श्री शंकराचार्य के चारों मठों में ( 1 . गुजरात के द्वारका में, 2. उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थित शारदा पीठ, 3. कर्नाटक के श्रृंगेरी पीठ व 4. उड़ीसा के पुरी में) इन्हीं का यजन-पूजन