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अप्रैल, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नोट - यहाँ प्रकाशित साधनाओं, स्तोत्रात्मक उपासनाओं को नियमित रूप से करने से यदि किसी सज्जन को कोई विशेष लाभ हुआ हो तो कृपया हमें सूचित करने का कष्ट करें।

⭐विशेष⭐



२० मार्च -आमलकी एकादशी
🔥२४ मार्च -होलिका-दहन, होली
२५ मार्च - धुलण्डी, रंगवाली होली (जानें होली का रहस्य)
🪷२५ मार्च - मान्यता है फाल्गुन पूर्णिमा को श्री महालक्ष्मी समुद्र मंथन से उद्भूत हुई थीं - प्रमुखता से दक्षिणी भारत में श्री लक्ष्मी जी की जयंती - इस अवसर पर श्री महालक्ष्मी जी की उपासना करें

आज - पिंगल नामक विक्रमी संवत्सर(२०८०), सूर्य उत्तरायण, शिशिर ऋतु, फाल्गुन मास, शुक्ल पक्ष।
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श्री जानकीनवमी व्रत पर श्री राम प्रिया सीता जी की पूजा का विधि-विधान

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पू जा -विधि   अथवा व्रत विधि को पढ़ना मात्र भी आध्यात्मिक लाभ देता है क्योंकि इतने मात्र से भी मन से प्रभु का स्मरण हो जाता है।   हिन्दू-समाज में जिस प्रकार   श्री राम नवमी   का माहात्म्य   है ,   उसी प्रकार   श्री जानकी नवमी   का   भी है।       जिस  प्र का र अष्टमी तिथि भगवती राधा तथा भग वान  श्रीकृष्ण के आवि र्भाव  से सम्बद्ध है ,  उसी प्रकार नवमी तिथि भगवती सीता तथा भगवान् श्रीराम के आविर्भाव की तिथि होने से परमाद रणी या है ।  जिस प्रकार  भगवती रा धा  का आविर्भाव भाद्रपद शुक्ल अष्टमी और भग वान  श्रीकृष्ण का आविर्भाव भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को अर्थात् दो विभिन्न अष्टमी तिथियों में हुआ ,  उसी प्रकार भगवती सी ता का  आविर्भाव वैशाख शुक्ल नवमी   को  और भगवान् श्रीराम का आविर्भाव चैत्र शुक्ल न व मी को अर्थात् दो विभिन्न नवमी तिथियों मेँ हुआ।  हिंदू- मात्र के परमाराध्य श्रीसीताराम तथा श्रीराधा कृष्ण से  सम्बद्ध ये  जयन्ती  दिवस अति पावन एवं महत्त्वपूर्ण हैं।  मान्यता है कि  इन आविर्भाव – दिवसों  अर्थात् जयंती तिथियों  पर संयमपूर्वक व्रत करने  वा ले को भुक्ति-मुक्ति की सहज ह