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नवंबर, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नोट - यहाँ प्रकाशित साधनाओं, स्तोत्रात्मक उपासनाओं को नियमित रूप से करने से यदि किसी सज्जन को कोई विशेष लाभ हुआ हो तो कृपया हमें सूचित करने का कष्ट करें।

⭐विशेष⭐


23 अप्रैल - मंगलवार- श्रीहनुमान जयन्ती
10 मई - श्री परशुराम अवतार जयन्ती
10 मई - अक्षय तृतीया,
⭐10 मई -श्री मातंगी महाविद्या जयन्ती
12 मई - श्री रामानुज जयन्ती , श्री सूरदास जयन्ती, श्री आदि शंकराचार्य जयन्ती
15 मई - श्री बगलामुखी महाविद्या जयन्ती
16 मई - भगवती सीता जी की जयन्ती | श्री जानकी नवमी | श्री सीता नवमी
21 मई-श्री नृसिंह अवतार जयन्ती, श्री नृसिंहचतुर्दशी व्रत,
श्री छिन्नमस्ता महाविद्या जयन्ती, श्री शरभ अवतार जयंती। भगवत्प्रेरणा से यह blog 2013 में इसी दिन वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को बना था।
23 मई - श्री कूर्म अवतार जयन्ती
24 मई -देवर्षि नारद जी की जयन्ती

आज - कालयुक्त नामक विक्रमी संवत्सर(२०८१), सूर्य उत्तरायण, वसन्त ऋतु, चैत्र मास, शुक्ल पक्ष।
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भगवान कालभैरव की महिमा [कालभैरवाष्टक]

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भ गवान भैरव  अधर्म मार्ग को अवरुद्ध कर, धर्म-सेतु की प्रतिष्ठापना करते हैं।  देवराज इन्द्र भगवान कालभैरव के पावन चरणकमलों की भक्तिपूर्वक निरन्तर सेवा करते हैं। भगवान भैरव व्यालरूपी विकराल यज्ञसूत्र  धारण करने वाले हैं । शिवपुराण में कहा गया है-  ' भैरवः पूर्णरूपो हि शङ्करस्य परात्मन:। ' (शतरुद्र० ८।२) स्वभक्तों को अभीष्ट सिद्धि प्रदान करने वाले , काल को भी कँपा देने वाले , प्रचण्ड तेजोमूर्ति , अघटितघटन -सुघट-विघटन-पटु , काल भैरवजी भगवान्  शङ्कर के पूर्णावतार हैं , जिनका अवतरण ही पञ्चानन  ब्रह्मा एवं विष्णु के  गर्वापहरण के लिये हुआ था। भैरवी- यातना-चक्र में तपा-तपाकर पापियों के अनन्तानन्त पापों को  नष्ट कर देने की विलक्षण क्षमता इन्हें प्राप्त है।